Tuesday, December 29, 2009

निठारी केस में पंधेर को एक मामले में दोषी नहीं मन गया

क्या पहले यहाँ तय था की एक वफादार नौकर आपने मालिक को बचा लेगा। या यह रणनीति बाद में बनाई गई है। क्या ऐसा हो सकता है, कि नौकर ने सब किया और हर महीने आने वाले मालिक को कुछ पता नहीं ?

क्या इस केस को भी आम जनता की जागरूकता नया मोड़ देगी या फिर जैसा चल रहा है वैसा चलता रहेगा । मीडिया भी इसे अब भूलती जा रही है और जनता तो वैसे ही अपने महगाई के कारण परेशांन है उसे कहाँ इतना वक़्त कि अपने गम भूल कर औरो कि परवाह करती रहे पर जब कभी मीडिया ऐसा कुछ करती है तो साथ देने जरुर आ जाती है । आज फिर न्यूस में निठारी केस का देख कर याद आया के कुछ और रुचिका इंसाफ का इंतजार कर रही है ।

क्या उनको भी इंसाफ मिलेगा या ................?

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