जब हम किसी से बार बार धोखा खा चुके है तो ऐसे में कोई भी सम्बन्ध रखना जरूरी नहीं है चाहे वो कोई खेल हो या राजनीतिक। और कुछ लोगो का कहना है के राजनीतिक रिश्ते अलग होने चाहिए और खेल के अलग तो उन लोगो को मुंबई में मारे गए लोगो के बारे में सोचना चाहिए। क्या खेल देश से बढ़ कर होता है हम उन लोगो के साथ खेलते है जो हमारे दुश्मन न हो । आई पी ल में पाक खिलाडी नहीं खेले तो क्या, खेल पर कोई असर होगा। हमारे देश पहली बार ऐसा देखा गया है। लोगो ने पाक का विरोध दिखाया है चाहे फ्रेंचाइजी टीमें कोई भी कारण बता रही हो। इस बात की ख़ुशी है की विरोध तो दिखा...................
जो हम से दुश्मनी रखेगा वह हमारा दोस्त कँही नहीं हो सकता चाहे खेल हो या अन्य कोई जगह..........
Tuesday, January 19, 2010
आखिर क्रिकेट से ऊँचा देश है
Posted by Pradeep raj soni at 11:11 AM
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