मुम्बई। मुम्बई हमले के दौरान शहीद हुए, महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के प्रमुख, हेमंत करकरे की पत्नी कविता करकरे ने शनिवार को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयान की आलोचना की। दिग्विजय सिंह ने कहा था कि करकरे ने अपनी मौत से कुछ घंटे पूर्व उन्हें फोन करके कहा था कि दक्षिणपंथी संगठनों से उनकी जान को खतरा है।
कविता ने कहा कि हमारे पति की हत्या पाकिस्तानी आतंकियों ने की थी, दिग्विजय सिंह गलत बोल रहे हैं। कविता ने कहा कि हमारे पति की हत्या से किसी भी हिंदू संगठन का सम्बंध नहीं है। उनकी मौत को हिंदू संगठनों से खतरे के साथ न जोड़ा जाए। यह बयान लोगों को भ्रमित कर सकता है।
ज्ञात हो कि सिंह ने शनिवार को ही इसके पहले कहा कि हेमंत करकरे ने 2008 में मुम्बई हमले में मारे जाने के कुछ घंटे पूर्व उनसे फोन पर बात की थी। सिंह ने दावा किया कि करकरे को उन लोगों से खतरा था, जो मालेगांव विस्फोट जांच का विरोध कर रहे थे। करकरे मालेगांव विस्फोट की जांच का नेतृत्व कर रहे थे। सिंह ने कहा कि करकरे के मारे जाने के दो घंटे पहले मेरी उनसे बात हुई थी। उन्होंने मुझे बताया था कि उनके परिवार और खुद उनकी जान पर उन लोगों से किस तरह खतरा था, जो मालेगांव विस्फोट में उनकी जांच से नाराज थे।
क्या बात है दिग्गी जी क्यों ये बोल कर कांग्रेस की मुसीबत बाधा रहे हो...
पहले ही घोटालो में फसे हो उस पर बोलो...
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दिग्गिराज़ा को किसी मनोविशेषज्ञ को दिखाया जाय| यदि ऐसा था तो उन्होने 26/11 के ट्राइयल अदालत में अपना बयान क्यों नही दिया? एक ज़िम्मेदार नागरिक का कर्तव्य क्यों नही निभाया| क्या वे भारत की जनता को बिल्कुल बेवकूफ़ समझते हैं? जानबूझकर यदि उन्होने अदालत से यह छिपायि थी तो उन पर अदालत की तोहिन का मुक़दमा चलना चाहिए| यदि वह झूठ बोल रहें हैं तो जनता के सामने मीडिया के मार्फत स्वीकार करें; अन्यथा हिंदू संगठन इस मनोविक्रत व्यक्ति पर मुक़दमा चलाए| ताकि भविष्य में ऐसी अनर्गल बकवास ना करे| इन कांग्रेसियों में हिंदू द्वेष कूट कूट कर भरा है| कहीं इन्हे भगवा तो कहीं हिंदू आतंकवाद नज़र आता है; मगर इन्हिकी सत्ता के चलते कितने हिंदुओं का कत्ल हुआ यह देखा जाए तो संख्या लाखों में ही गिनानी पड़ेगी| बँटवारे के समय मरने वाले हिंदू ही सबसे ज़्यादा तादाद मे थे; फिर भी इन सत्ता के भूके दरिंदे कांग्रेसियों की खूनी प्यास नही बुझी है| क्या दिग्गी राजा संतुलित दिमाग़ से यह बताएँगे की क्या हिंदुओं का नर संहार उनके राज मे थामेगा भी या नही? कभी कभी तो शक होता है क़ि इस देश पर औरंगजेब का शासन है या किसी जिन्ना के चेलों का|